शनिवार, 10 दिसंबर 2011

पुदीना


हैजा अथवा कॉलरा
अजवायन का सत्व एवं पुदीने का अर्क देते रहने से रोगी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है। पानी की कमी (डीहाइड्रेशन) की घातक अवस्था से बचाने के लिये भी पुदीना लाभकारी है।
हैजे में पुदीना, प्याज का रस, नींबू का रस बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है। उल्टी-दस्त, हैजा हो तो आधा कप पुदीना का रस हर दो घंटे से रोगी को पिलाएँ।
मुख की दुर्गंध
यदि मुंह से दुर्गध आती है, तो पुदीना पीसकर एक गिलास पानी में घोल लीजिए। इस पुदीना-मिश्रित पानी से दिन भर में दो-तीन बार कुल्ले करते रहने से मुख की दुर्गध दूर हो जाती है।
पुदीने की पत्तियों को सुखाकर बनाए गए चूर्ण को मंजन की तरह प्रयोग करने से मुख की दुर्गंध दूर होती है और मसूड़े मजबूत होते हैं।
प्यास
बुखार से पीडि़त को यदि बार-बार प्यास लग रही हो तो, पुदीने का रस तात्कालिक रूप से रोगी को पिलाएं। इससे प्यास तो बुझेगी ही, साथ ही शारीरिक गरमी से भी मुक्ति मिलेगी।
गर्मी, लू लगने पर
गर्मियों में पुदीने की चटनी तथा प्याज का नित्य सेवन करने से लू-लगने की आशंका से मुक्ति मिल जाती है।
अधिक गर्मी या उमस के मौसम में जी मिचलाए तो एक चम्मच सूखे पुदीने की पत्तियों का चूर्ण और आधी छोटी इलायची के चूर्ण को एक गिलास पानी में उबालकर पीने से लाभ होता है।
नकसीर आने पर
प्याज एवं पुदीने का रस मिलाकर नाक में डाल देने से नकसीर के रोगियों को बहुत फ़ायदा होता है। पुदीने के साथ अनार के फूलों का स्वाद ठीक हो जाता है।
श्वास तंत्र के रोग
पुदीने में फेफड़ों में जमा हुए बलगम को छांट-छांट कर शरीर से बाहर कर देने का विलक्षण गुण पाया जाता है। इसी कारण कफ से होने वाली खांसी, हिचकी एवं दमा को यह दूर करता है। पुदीने को सुखाकर, बारीक कपड़छन चूर्ण तैयार कर लें। यह चूर्ण एक चाय चम्मच भर मात्रा में दिन में दो बार पानी के साथ सेवन करें। पुदीने का अर्क इन रोगों पर विशेष प्रभावी है।
पुदीने का रस कालीमिर्च और काले नमक के साथ चाय की तरह उबालकर पीने से जुकाम, खाँसी और बुखार में राहत मिलती है।
एक चम्मच पुदीने का रस, दो चम्मच सिरका और एक चम्मच गाजर का रस एकसाथ मिलाकर पीने से श्वास संबंधी विकार दूर होते हैं।
पुदीने और सौंठ का क्वाथ बनाकर पीने से सर्दी के कारण होने वाले बुखार में राहत मिलती है।
पाचन संस्थान के विकारों पर
पुदीना पेट की बहुत सी बीमारियों को ठीक करने में बहुत उपयोगी पाया गया है। पाचन संस्थान के विकारों से मुक्ति पाने के लिए तो पुदीने का किसी न किसी रूप में प्रतिदिन सेवन अवश्य करना चाहिए।
पुदीने की पत्तियों का ताजा रस नीबू और शहद के साथ समान मात्रा में लेने से पेट की हर बीमारियों में आराम दिलाता है।
पेट संबंधी किसी भी प्रकार का विकार होने पर एक चम्मच पुदीने के रस को एक प्याला पानी में मिलाकर पिएँ।
पेट दर्द और अरुचि में 3 ग्राम पुदीने के रस में जीरा, हींग, कालीमिर्च, कुछ नमक डालकर गर्म करके पीने से लाभ होता है।
मासिक धर्म
मासिक धर्म समय पर न आने पर पुदीने की सूखी पत्तियों के चूर्ण को शहद के साथ समान मात्रा में मिलाकर दिन में दो-तीन बार नियमित रूप से सेवन करने पर लाभ मिलता है।
पुदीने का कुछ घरेलू नुस्खेइसकी पत्तियाँ चबाने या उनका रस निचोड़कर पीने से हिचकियाँ बंद हो जाती हैं।
सिरदर्द में पुदीने का अर्क / ताजी पत्तियों का लेप माथे पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।
पुदीने के रस को नमक के पानी के साथ मिलाकर कुल्ला करने से गले का भारीपन दूर होता है और आवाज साफ होती है।
पुदीने का रस रोज रात को सोते हुए चेहरे पर लगाने से कील, मुहाँ से और त्वचा का रूखापन दूर होता है।
हरा पुदीना पीसकर उसमें नींबू के रस की दो-तीन बूँद डालकर चेहरे पर लेप करें। कुछ देर लगा रहने दें। बाद में चेहरा ठंडे पानी से धो डालें। कुछ दिनों के प्रयोग से मुँहासे दूर हो जाएँगे तथा चेहरे की कांति खिल उठेगी।
पुदीने के ताजे पत्तों को मसलकर मूर्छित व्यक्ति को सुंघाने से मूर्छा दूर होती है।
पुदीने का सत निकालकर साबुन के पानी में घोलकर सिर पर डालें। 15-20 मिनट तक सिर में लगा रहने दें। बाद में सिर को जल से धो लें। दो-तीन बार इस प्रयोग को करने से बालों में पड़ गई जुएँ मर जाएँगी।
तलवे में गर्मी के कारण आग पड़ने पर पुदीने का रस लगाना लाभकारी होता है।
आंत्रकृमि में पुदीने का रस दें।
अजीर्ण होने पर पुदीने का रस पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
प्रसव के समय पुदीने का रस पिलाने से प्रसव आसानी से हो जाता है।
बिच्छू या बर्रे के दंश स्थान पर पुदीने का अर्क लगाने से यह विष को खींच लेता है और दर्द को भी शांत करता है।
दस ग्राम पुदीना व बीस ग्राम गुड़ दो सौ ग्राम पानी में उबालकर पिलाने से बार-बार उछलने वाली पित्ती ठीक हो जाती है।
पुदीने को पानी में उबालकर थोड़ी चीनी मिलाकर उसे गर्म-गर्म चाय की तरह पीने से बुखार दूर होकर बुखार के कारण आई निर्बलता भी दूर होती है।
धनिया, सौंफ व जीरा समभाग में लेकर उसे भिगोकर पीस लें। फिर 100 ग्राम पानी मिलाकर छान लें। इसमें पुदीने का अर्क मिलाकर पीने से उल्टी का शमन होता है।
पुदीने के पत्तों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से अतिसार सें राहत मिलती है।
हरे पुदीने की 20-25 पत्तियाँ, मिश्री व सौंफ 10-10 ग्राम और कालीमिर्च 2-3 दाने इन सबको पीस लें और सूती, साफ कपड़े में रखकर निचोड़ लें। इस रस की एक चम्मच मात्रा लेकर एक कप कुनकुने पानी में डालकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है।
ताजा-हरा पुदीना पीसकर चेहरे पर बीस मिनट तक लगा लें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। यह त्वचा की गर्मी निकाल देता है।

1 टिप्पणी: